काल सर्प दोष यह सुनने में ही व्यक्ति को बेहद भयभीत स्थिति में पहुंचा देता है। Kaal Sarp शब्द दो शब्दों के जोड़ से बना है, जिसमें काल का अर्थ है जन्म या अंत का समय एवं सर्प का अर्थ है सांप अर्थात जीवन में वह काम करना जिसके कारण आप मौत समान कष्ट भोगने को मजबूर हो जाते हैं। वह कष्ट जो काफी दर्दनाक और भयानक होता है।
सर्पदोष से हालांकि ज्यादा भयभीत होने की आवश्यकता नहीं, अमूमन विश्व भर में ज्यादातर व्यक्तियों की कुंडली में Kaal Sarp Dosh दिखता है। कहा गया है कि भारत के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू जी की भी कुंडली सर्पदोष पाया गया था, तथा भारत के क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर जिन्होंने अपने बल्लेबाजी से भारत में ही नहीं बल्कि पूरे विश्व में अपना नाम कमाया। इन दोनों की कुंडली मे सर्पदोष पाया गया, परन्तु फिर भी यह अपनी पहचान दुनिया भर में कमाया। काल सर्प दोष कुंडली में खराब जरूर माना जाता है किन्तु विधिवत तरह से यदि इसका उपाय किया जाए तो यही कालसर्प दोष सिद्ध योग भी बन सकता है। आइये तो जानते हैं कि क्या होता है यह काल सर्प दोष और किस प्रकार से यह व्यक्ति को प्रभावित करता है।
सपने में सांप, खुश हो जाएंगे आप
सपना यह वह अनुभव है जो हर व्यक्ति देखता है और उसे अपनी जिंदगी में हासिल करना चाहता है। परन्तु सपना को सच करने का हुनर बहुत कम व्यक्तियों में होता है।
क्या आपको भी काल सर्प दोष के लक्षण लग रहे है?
काल सर्प दोष अधिकतर लोगों में अथवा जातक की कुंडली में काल सर्प दोष पाया जाता है। अगर आपको भी इसके लक्षण के महसूस होते हैं तो घबराए नहीं। आप अलग नहीं हैं इसके लक्षण अमूमन जीवन मे पाए जाते हैं । परन्तु इससे भिड़ने के लिए आपको स्वयं पर विश्वास और लगातार मेहनत करनी चाहिए। जानते हैं इसमें पाए जाने वाले लक्षण:-
- मेहनत का फल पूर्ण तरीके से प्राप्त नहीं होना।
- बार बार कार्य में कोई बाधा रहना।
- अपनों से ठगा जाना।
- अकारण कलंकित होना।
- संतान नहीं होना या संतान की उन्नति नहीं होना।
- विवाह नहीं होना या वैवाहिक जीवन अस्त-व्यस्त होना।
- स्वास्थ्य खराब होना।
- बार-बार चोट-दुर्घटनाएं होना।
- अच्छे किए गए कार्य का यश दूसरों को मिलना।
- भयावह स्वप्न बार-बार आना, नाग-नागिन बार-बार दिखना।
- काली स्त्री, जो भयावह हो या विधवा हो, रोते हुए दिखना।
- मृत व्यक्ति स्वप्न में कुछ मांगे, बारात दिखना, जल में डूबना, मुंडन दिखना, अंगहीन दिखना।
- गर्भपात होना या संतान होकर नहीं रहना आदि लक्षणों में से कोई एक भी हो तो कालसर्प दोष की शांति करवाएं।
कैसे बनता है, काल सर्प दोष कुंडली में
कुंडली में काल सर्प दोष का पाए जाना कुछ नया नहीं है। देखा जाता है कि 70 प्रतिशत लोगों की कुंडली में यह दोष होता है। कालसर्प दोष के पाए जाने के अंश कुंडली में राहु और केतु के बीच सभी ग्रहों के आने से पता चलता। क्योकि कुंडली के एक घर में राहु और दूसरे घर में केतु के बैठे होने से अन्य सभी ग्रहों से आ रहे फल रूक जाते हैं। इन दोनों ग्रहों के बीच में सभी ग्रह फँस जाते हैं और यह जातक के लिए एक समस्या बन जाती है। इस दोष के कारण फिर काम में बाधा, नौकरी में रूकावट, शादी में देरी और धन संबंधित परेशानियाँ, उत्पन्न होने लगती हैं।
काल सर्प दोष के अन्य प्रकार
काल सर्प दोष के अन्य प्रकार हैं। वह कुछ इस तरह हैं।
1-अनन्त 2-कुलिक 3-वासुकि 4-शंखपाल 5-पद्म 6-महापद्म 7-तक्षक 8-कर्कोटिक 9-शंखचूड़ 10-घातक 11- विषाक्तर 12-शेषनाग।
काल सर्प(Kaal Sarp Dosh) दोष से निजात करने के लिए उपाय
- काल सर्प दोष शांति के लिए नागपंचमी के दिन व्रत करना चाहिए।
- नागपंचमी के दिन भगवान शिव का अभिषेक करते हुए चाँदी के नाग-नागिन का जोडा शिवलिंग पर चढाने से कालसर्प दोष में राहत मिलती है।
- अष्टधातु या कांसे से बने हुए नाग को शिवलिंग पर चढाने से इस दोष से मुक्ति मिलती है।
- नागपंचमी के दिन रूद्राक्ष माला से शिव मंत्र “ऊँ नम: शिवाय” का जाप करने से कालसर्प दोष में राहत मिलती है।
- सावन महीने में 30 दिनों तक शिवलिंग का अभिषेक करना चाहिए। ऐसा करने से कालसर्प दोष शांत होता है।
- भगवान शिव के ही अंश बटुक भैरव की पूजा करने से भी इस दोष से बचाव होता है।
- पंचमी के दिन 11 नारियल नदी में प्रवाहित करने से कालसर्प दोष से मुक्ति मिलती है।
- सावन महीने में हर सोमवार का व्रत रखने के साथ भगवान शिव का रूद्राभिषेक करने से काल सर्प दोष से मुक्ति मिलती है।
- यदि व्यक्ति पर काल सर्प दोष हो तो उसे कभी भी नाग की आकृति वाली अंगूठी नहीं पहननी चाहिए।
- काल सर्प दोष से मुक्त होने के लिए आप रोज़ गायत्री मंत्र का जाप करें।
- शनिवार के दिन पीपल की जड़ में जल चढ़ाने से भी कालसर्प दोष शांत होता हैं।