राशिफल (Rashifal) मनुष्य के जन्म के समय ग्रहों व नक्षत्रों की स्थिति के अनुसार भविष्य में सभी ग्रहों की चाल व गति के अनुसार मनुष्य के जीवन के घटनाओं के परिकल्पना के आधार पर ज्ञात किया जाता है|
राशिफल (Rashifal) क्या होता है?
ज्योतिष विज्ञान के अनुसार जातक के जन्म के समय सूर्य, चन्द्रमा, प्रथ्वी, ग्रहों और नक्षत्रों की स्थिति को ध्यान में रखते हुए उनकी चाल के अनुसार पुरे जीवन चक्र में होने वाली समस्त छोटी बड़ी घटनाओं की भविष्यवाणी राशिफल (Rashifal) कहलाता है|अधिकतर भारतीय ज्योतिष शाश्त्री जातक के जन्म के समय चन्द्रमा की स्थिति को केंद्र मानकर उसके अनुसार अन्य ग्रहों की चाल के अनुसार राशिफल की गणना करते है| अतः उसे चन्द्रकला राशि फल या भारतीय राशि फल कहते है|
चन्द्रमा एक राशि में सवा दो दिन तक रहता है| अतः इसमें मनुष्य के जीवन की अति सूक्ष्म घटनाओ की गणना भी की जा सकती है| इस राशि फल में जातक के नाम के पहले अक्षर से उसकी राशि का पता चलता है| परन्तु आज के समय में जन्म के समय नामकरण पद्धति का अंत हो गया है और अधिकतर व्यक्तियों को एक से अधिक नामों से जाना जाता है या किसी भी नाम से संबोधित करने लगते है जिस नाम का चन्द्रमा की स्थिति से कोई सम्बन्ध ही नहीं होता है | जिसके कारण सही राशि फल ज्ञात करना कठिन हो गया है|
इसलिए हमने यहाँ पर सूर्य की स्थिति को केंद्र मानकर उसके अनुसार अन्य ग्रहों की चाल के अनुसार राशिफल (Rashifal) की गणना किया है| अतः इसे सूर्यकला राशि फल या पाश्चात्य राशिफल कहते है| इसमें हमें जातक की जन्मतिथि से जातक की राशि का पता चलता है क्यूंकि सूर्य एक राशि में एक महीने तक रहता है| आजकल के दौर में जन्मतिथि याद रखना सभी व्यक्तियों के लिए आसान है| अतः यह चन्द्रकला राशिफल (Rashifal) की अपेक्षा ज्यादा यथार्थ और सुविधाजनक है|
राशियाँ हमारे जीवन से कैसे सम्बंधित होती है?
इस पूरे भूमंडल को 360 अंशो का माना गया है सूर्य की स्थिति के अनुसार इसे 12 भागो में विभाजित कर लिया गया है| प्रत्येक भाग 30 अंश का होता है| प्रत्येक भाग अलग-अलग आकृति बनता है| जिसके आधार पर इनके अलग-अलग नाम दिए गए है| जिन्हें हम राशियों के नाम से जानते है|
जातक के जन्म के समय जिस भाग में सूर्य होता है वही जातक की राशि होती है| और इन्ही बारह भागों पर में होने वाले परिवर्तन मनुष्य के जीवन की घटनाओ को प्रभावित करते है| इस प्रत्येक भाग में सभी ग्रहों और नक्षत्रों की गति और स्थिति में होने वाले परिवर्तन मनुष्य के जीवन को प्रभावित करते है|
इन बारह राशियों को भी चार समूहों में विभाजित किया गया है जिसके आधार पर इन राशियों की प्रकृति का वर्णन किया गया है|
- अग्नि-मेष, सिंह, धनु
- प्रथ्वी-वृषभ, कन्या, मकर
- जल-मिथुन, तुला, कुम्भ
- वायु- कर्क, वृश्चिक,मीन