श्रीराम शलाका (Shri Ram Shalaka) क्या होता है? इसका हमारी जीवन से क्या सम्बन्ध है? आइये जानते है राम शलाका हमारे जीवन के मुश्किल घड़ी में किस प्रकार से सहायता करता है?
हर व्यक्ति चाहता है की उसका जीवन एक परी कथा की तरह हो, उसे जीवन में हर सुख सुविधा मिले, सभी कार्य उसके अनुरूप हों। लेकिन यह जीवन कोई परी कथा नहीं वरन इस जीवन में हमें नित्य नयी चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। हम कार्य तो बहुत से करते है, सपने हमारे असीमित है लेकिन बहुत से कार्य बहुत से सपने पूरे नहीं हो पाते है।
श्री राम शलाका प्रश्नावली (Ram Shalaka prashnavali) गोस्वामी तुलसीदास रचित “श्री राम चरित मानस” पर आधारित है। इस प्रश्नावली का प्रयोग कर आप जीवन के कई प्रश्नों का जवाब पा सकते हैं। इस प्रश्नावली का प्रयोग करना बेहद आसान है। सबसे पहले भगवान श्री राम का स्मरण करते हुए अपने सवाल को मन में अच्छी तरह सोच लें। इसके बाद नीचे दिए गए किसी भी अक्षर पर आंख बंद कर के क्लिक करें। आपके द्वारा क्लिक किए हुए अक्षर से प्रत्येक 9वें नम्बर के अक्षर को जोड़ कर एक चौपाई बनेगी जो की आपके प्रश्न का उत्तर होगी।
चौपाई : | सुनु सिय सत्य असीस हमारी। पूजहि मन कामना तुम्हारी॥ |
अर्थ: | यह चौपाई बालकाण्ड मे सीता जी को गौरी जी का आशिर्वाद है। प्रश्न उत्तम है कार्य सिद्ध होगा। |
चौपाई : | प्रबिसि नगर कीजे सब काजा। हृदय राखि कोसलपुर राजा॥ |
अर्थ: | यह चौपाई सुन्दरकाण्ड मे हनुमान जी के लंका मे प्रवेश करने के समय की है। अर्थ यह है कि भगवान के नाम का स्मरण करते हुये कार्य शुरू करें सफलता मिलेगी। |
चौपाई : | उघरहिं अंत न होइ निबाहू। कालनेमि जिमि रावन राहू॥ |
अर्थ: | यह चौपाई बालकाण्ड के आरम्भ की है। कार्य की सफलता मे संदेह है। |
चौपाई : | बिधि बस सुजन कुसंगत परहीं। फनि मनि सम निज गुन अनुसरहीं॥ |
अर्थ: | यह चौपाई बालकाण्ड के आरम्भ की है। अर्थ यह है कि बुरे लोगों का संग छोड़ दें कार्य की सफलता मे संदेह है। |
चौपाई : | होइहि सोइ जो राम रचि राखा। को करितर्क बढ़ावै साखा॥ |
अर्थ: | यह चौपाई बालकाण्ड शिव पार्वती संवाद मे है। कार्य पूरा होने मे संदेह है। प्रभु पर छोड़ दें। |
चौपाई : | मुद मंगलमय संत समाजू। जो जग जंगम तीरथ राजू॥ |
अर्थ: | यह चौपाई बालकाण्ड मे संत समाजरुपी तीर्थ वर्णन मे आती है। अर्थ यह है कि कार्य सिद्ध होगा। |
चौपाई : | गरल सुधा रिपु करहिं मिताई। गोपद सिंधु अनल सितलाई॥ |
अर्थ: | यह चौपाई सुन्दरकाण्ड मे हनुमान जी के लंका मे प्रवेश करने के समय की है। प्रश्न बहुत श्रेष्ठ है कार्य सिद्ध होगा। |
चौपाई : | बरुन कुबेर सुरेस समीरा। रन सन्मुखधरि काहु न धीरा॥ |
अर्थ: | यह चौपाई रावण वध पर मंदोदरी के विलाप के संदर्भ मे है। कार्य पूरा होने मे संदेह है। |
चौपाई : | सुफल मनोरथ हो हुँ तुम्हारे। रामु लखनु सुनि भए सुखारे॥ |
अर्थ: | यह चौपाई विश्वामित्र का आशिर्वाद है। प्रश्न उत्तम है कार्य सिद्ध होगा। |
Shri Ram Shalaka क्या है?
shri ram shalaka prashnavali गोस्वामी तुलसीदास की रचना श्री रामचरितमानस में दिया गया है। इसमें एक 15×15 ग्रिड में कुछ अक्षर, मात्राएँ आदि लिखे हैं। जिनके प्रयोग से हम रामायण की चौपाई बनाते है। मान्याता है कि किसी को जब कभी आपको अपने किसी प्रश्न का उत्तर प्राप्त करने की इच्छा हो तो श्री राम शलाका की मदद से अपने सवालों का जवाब प्राप्त किया जा सकता है।
कई बार दूसरे लोग जिस कार्य में सफल हो रहे होते है हम असफल हो जाते है या तमाम परिश्रम तमाम योजनाओं के बाद भी अपेक्षित परिणाम नहीं मिलते है। तब हम असमंजस में पड़ जाते है की हम क्या करे? हमें अमुक कार्य करना चाहिए अथवा नहीं हमें सफलता मिलगी अथवा हमारी मेहनत व्यर्थ चली जाएगी। ऐसी असमंज की स्तिथि से पार पाने के लिए पवित्र Shri Ram Shalaka Prashnavali से हमें सच्चा मार्ग दर्शन प्राप्त हो सकता है।
श्रीराम शलाका (Shri Ram Shalaka) का कैसे प्रयोग करें?
हमारे धार्मिक साहित्य में इस अदभुत पवित्र Ram Shalaka की बहुत मान्यता है और इसका उपयोग भी बहुत ही सरल है। सर्वप्रथम प्रभु श्री राम का सच्चे हर्दय से ध्यान करते हुए अपने मन में अपना प्रश्न सोचें जिस पर आप प्रभु की कृपा चाह रहे है, फिर उस कार्य की सफलता की प्रार्थना करते हुए नीचे दिए गए “किसी भी शब्द पर अपनी आंख बंद करके क्लिक कर दें।
श्रीराम शलाका Shri Ram Shalaka Prashnavali जिस शब्द पर आपने क्लिक किया है उससे हर नौ खानों में दिए गए शब्दों को जोड़कर एक चौपाई बनती है जो आपका समाधान है अब आप अपनी आँखे खोल दें आपकी आँखों के सामने आपके प्रश्न का उत्तर होगा।
दिवाली पूजा विधि की कुछ बाते जो हम अक्सर भूल जाते है।
अमावस्या की रात्रि बहुत ही अँधेरी होती है तो इस दिन हम सभी रात्रि में दीपक जला कर पूजा करते है क्यूंकि दिवाली की पूजा शाम में सूर्यास्त के बाद में ही करना शुभ माना गया है तो आइये दिवाली पूजा विधि की विस्तृत जानकारी बताते है।
श्रीराम शलाका चौपाई (Shri Ram Shalaka Chaupai)
इस श्री राम शलाका में कुल 9 चौपाई है। जिसके आधार पर हमें उनसे अपने प्रश्न का उत्तर प्राप्त होता है।
सुनु सिय सत्य असीस हमारी। पूजिहि मन कामना तुम्हारी।
यह चौपाई बालकाण्ड में श्रीसीताजी के गौरीपूजन के प्रसंग में है। गौरीजी ने श्रीसीताजी को आशीर्वाद दिया है।
फलः- प्रश्नकर्त्ता का प्रश्न उत्तम है, कार्य सिद्ध होगा।
प्रबिसि नगर कीजै सब काजा। हृदय राखि कोसलपुर राजा।
यह चौपाई सुन्दरकाण्ड में हनुमानजी के लंका में प्रवेश करने के समय की है।
फलः-भगवान् का स्मरण करके कार्यारम्भ करो, सफलता मिलेगी।
उघरें अंत न होइ निबाहू। कालनेमि जिमि रावन राहू।।
यह चौपाई बालकाण्ड के आरम्भ में सत्संग-वर्णन के प्रसंग में है।
फलः-इस कार्य में भलाई नहीं है। कार्य की सफलता में सन्देह है।
बिधि बस सुजन कुसंगत परहीं। फनि मनि सम निज गुन अनुसरहीं।।
यह चौपाई बालकाण्ड के आरम्भ में सत्संग-वर्णन के प्रसंग में है।
फलः-खोटे मनुष्यों का संग छोड़ दो। कार्य की सफलता में सन्देह है।
होइ है सोई जो राम रचि राखा। को करि तरक बढ़ावहिं साषा।।
यह चौपाई बालकाण्डान्तर्गत शिव और पार्वती के संवाद में है।
फलः-कार्य होने में सन्देह है, अतः उसे भगवान् पर छोड़ देना श्रेयष्कर है।
मुद मंगलमय संत समाजू। जिमि जग जंगम तीरथ राजू।।
यह चौपाई बालकाण्ड में संत-समाजरुपी तीर्थ के वर्णन में है।
फलः-प्रश्न उत्तम है। कार्य सिद्ध होगा।
गरल सुधा रिपु करय मिताई। गोपद सिंधु अनल सितलाई।।
यह चौपाई श्रीहनुमान् जी के लंका प्रवेश करने के समय की है।
फलः-प्रश्न बहुत श्रेष्ठ है। कार्य सफल होगा।
बरुन कुबेर सुरेस समीरा। रन सनमुख धरि काह न धीरा।।
यह चौपाई लंकाकाण्ड में रावन की मृत्यु के पश्चात् मन्दोदरी के विलाप के प्रसंग में है।
फलः-कार्य पूर्ण होने में सन्देह है।
सुफल मनोरथ होहुँ तुम्हारे। राम लखनु सुनि भए सुखारे।।
यह चौपाई बालकाण्ड पुष्पवाटिका से पुष्प लाने पर विश्वामित्रजी का आशीर्वाद है।
फलः-प्रश्न बहुत उत्तम है। कार्य सिद्ध होगा