एक रंगहीन रसायन पदार्थ , क्रिस्टल की तरह वेश भूषा एवं जिसे हम पोटैशियम एल्यूमीनियम सल्फेट के रासायनिक नाम से भी जानते हैं। अगर आप इसका हिंदी में नाम याद न कर पा रहें हैं तो बता दें इसे अंग्रेजी में Alum कहा जाता है और हिंदी में फिटकरी। फिटकरी एक ऐसा चमकीला पदार्थ है जिसका इस्तेमाल डॉक्टर हमारे इलाज के दौरान भिन्न भिन्न जगह इस्तेमाल में लाते हैं। आफ्टर शेविंग लोशन के रूप में फिटकरी का इस्तेमाल करते हैं। यह एक कारगर एंटीसेप्टिक है, जिसका प्रयोग त्वचा और स्वास्थ्य के लिए सदियों से किया जा रहा है। यह दिखने में किसी चमचमाते पत्थर-सा लगता है, लेकिन अपने अंदर कई औषधीय गुण छुपाए है।
नींबू के फायदे और औषधीय गुण (Home Remedies)
नींबू (Lemon) एक ऐसी सब्जी जो हर व्यक्ति द्वारा किसी न किसी रूप में प्रयोग में आती है अगर न आए तो वह गीत में या नजर न लगे इसके लिए अपने घर के दरवाजे पर मिर्ची के साथ जोड़ी बनाकर टांग दिए जाते हैं।
फिटकरी के प्रकार/ Types of Fitkari
फिटकरी (Fitkari) के सही प्रकार चुनना यह बिल्कुल उसी तरह का है मानो आप एक प्रशन का उत्तर देना हो और सभी उपलब्ध उत्तरों में सब सही हो। निम्मनलिखित फिटकरी के प्रकार
- पोटैशियम फिटकरी:- फिटकरी के इस रूप का इस्तेमाल पानी की गंदगी को साफ करने के लिए किया जाता है। 1500 ईसा पूर्व इसका उपयोग हुआ था ।
- अमोनियम एलम:- एक ठोस सफेद पदार्थ जिसका इस्तेमाल सौंदर्य की देखभाल के लिए होता हो।
- क्रोम एलम:- इसे क्रोमियम पोटैशियम सल्फेट के नाम से भी जाना जाता है। यह क्रोमियम (एक रासायनिक तत्व) का पोटैशियम डबल सल्फेट है, जिसका इस्तेमाल चमड़ा बनाने की प्रक्रिया में किया जाता है।
- एल्यूमीनियम सल्फेट:- यह फिटकरी का वह प्रकार है जिसे फिटकरी न भी कहें तो चलेगा। इस कम्पाउन्ड को पेपरमेकर की फिटकरी के रूप में भी जाना जाता है।
- सोडियम एलम:- इस फिटकरी का इस्तेमाल बेकिंग सोडा को बनाने में लिया जाता है। यह एक अकार्बनिक (Inorganic) कंपाउंड है, जिसे सोडा एलम के नाम से भी जाना जाता है।
- सेलेनेट एलम:- फिटकरी का वो प्रकार, जिसमें सल्फर की जगह सेलेनियम मौजूद होता है।
Fitkari Ke Fayde/फिटकरी के फायदे
फिटकरी दिखने में एक सरल सा पदार्थ है, जो घर पर चाहे कम मात्रा में ही हो किसी रूप में पाया जाता है। फिटकरी एक रंगहीन, गंधहीन, पदार्थ है, फिटकरी (alum) का रासायनिक नाम “पोटेशियम एलुमिनियम सल्फेट (potassium aluminium sulphate)” है। फिटकरी को बाहर के देशों में अंग्रेजी में “ऐलम” कहा जाता है। आइए इसके लाभ जानें।
- दांतो और मसूड़ों की समस्या से निजात:- अगर आप अपने दांत में पायरिया होना या मसूड़ों से खून निकलने को आम समझते हैं तो यह शायद आपकी गलती हो सकती है। इसके लिए आप फिटकरी में थोड़ा नमक मिलाकर सुबह और शाम को उंगली से दांतों में मालिश करें। आपका दर्द ठीक हो जाएगा।
- चोट लग जाने पर फिटकरी का इस्तेमाल:- अगर आप खिलाडी हैं जिसका खेल से जुड़ाव रहा है तो आपका नाता चोटों से रहता होगा, जिसमे खून निकलना आम रहता है इसके लिए भी आप फिटकरी का इस्तेमाल कर सकते हैं। चोट हालांकि सिर्फ खिलाड़ियों को ही नहीं बल्कि किसी भी मनुष्य को लग सकता है। थोड़ी सी फिटकरी लेकर उसे पानी में घोलकर चोट वाले स्थान को फिटकरी वाले पानी से धोएं। ऐसा करने से खून का बहना बंद हो जाएगा। अगर आप चाहें तो पानी की जगह फिटकरी का पाउडर भी इस्तेमाल कर सकते हैं।
- गले की खराश मिटाने के लिए:- मौसम के अचानक से बदलाव के कारण व्यक्ति उसमें तुरन्त ढल नहीं पाता और उसकी तबीयत खराब हो सकती है। अमूमन यह मौसमी बीमारी खांसी झुकाम , गले मे खराश होना या भुखार। गले की खराश को मिटाने के लिए एक गिलास गर्म पानी में फिटकरी मिलाकर इस पानी से गले का गरारा करने से गले के दर्द में बहुत आराम मिलता है और इसके साथ-साथ आपका गला और दांत भी साफ हो जाते हैं।
- आंखों के समस्या :- अगर आपकी आंखों में बार बार कीचड़ आता है। आंखों से धुंधला दिखाई देता है। आंखें लाल हो जाती हैं या आंखों में दर्द होता है। तो इन समस्यायों को ठीक करने के लिए आँखों में डालने वाला गुलाबजल लें उसमें 50 ग्राम फिटकरी पीसकर डालें, फिर इस फिटकरी मिले गुलाब जल को किसी बोतल में भरकर रख लें, और इसे एक-एक बूंद सुबह और शाम डालें ऐसा करने से आंखों को ठंडक मिलती है। आंखों में उत्पन्न सभी रोग समाप्त जाते हैं, तथा आंखों की रोशनी भी बढ़ जाती है।
- गर्मी में हाथ और पैर पर पसीना आना:- गर्मी में पसीना आना आम है परन्तु पसीना का अधिक मात्रा में आना भी सही नहीं। ऐसे में ठंडे पानी में फिटकरी को घोलकर इस घोल से अपने हाथों और पैरों को लगातार कुछ दिनों तक धोना चाहिए। ऐसा करने से हाथ और पैर में पसीना आना कम हो जाएगा।