व्यक्ति अपने जीवन और म्रत्यु तक के इस सुनहरी कहानी जिसे सामान्य भाषा में ‘जीवन या जिंदगी’ के नाम से नवाजा जाता है , उसके शुरू से अंत तक एक चरित्र है जिसे वह अपने भीतर से निकाल नहीं पाता वह है उसके भीतर उतपन्न होती चिंताएं। चिंता व्यक्ति के उम्र की तरह बढ़ती रहती है। जिसके कारण व्यक्ति अपने सेहत का बिल्कुल भी ध्यान नहीं रख पाता । अंत मे भारत को उस स्थिति में न चाहते हुए पहुंचा देता है जिससे हम दूर रहना चाहते हैं।
स्वाभाविक रूप से बढ़ाएं शुक्राणु की संख्या
शुक्राणु जिसे अंग्रेजी में स्पर्म भी कहा जाता है । स्पर्म जो कि एक यूनानी शब्द है जिसका अर्थ बीज होता है । जिसका अर्थ पुरुष की प्रजनन कोशिकाओं से है।
थायराइड क्या है ?
सरल भाषा मे समझा जाए तो यह कोई बीमारी नहीं परन्तु यह तितली के आकार में होने वाली गले में आगे की तरफ पाए जाने वाली एक ग्रंथि होती है। शरीर की कई गतिविधियों को नियंत्रित करने वाली यह ग्रंथि भोजन को ऊर्जा में बदलने का काम करती है। थायराइड ग्रंथि टी3 यानी ट्राईआयोडोथायरोनिन और टी4 यानी थायरॉक्सिन हार्मोंन का निर्माण करती है। इन हार्मोंस का सीधा असर हमारी सांस, ह्रदय गति, पाचन तंत्र और शरीर के तापमान पर पड़ता है। साथ ही ये हड्डियों, मांसपेशियों व कोलेस्ट्रोल को भी नियंत्रित करते हैं। जब ये हार्मोंस असंतुलित हो जाते हैं, तो वजन कम या ज्यादा होने लगता है, इसे ही थायराइड की समस्या कहते हैं।
थायराइड के प्रकार
थायराइड के मुख्यत 6 प्रकार के बताए जाते हैं। जिसमे हॉर्मोन्स की मात्रा निर्धारित है। अगर ग्रंथि जरूरत से कम मात्रा में हार्मोंस का निर्माण नहीं करती तो वह हाइपो थायराइड के श्रेणीमें डाल दिया जाता है। यदि जब थायराइड ग्रंथि जरूरत से ज्यादा हार्मोंस का निर्माण करती है तो वह हाइपर थायराइड के नाम पर जाना जाता है। ठीक इसी तरह जब थायराइड ग्रंथि में सूजन आती है और शरीर की रोग प्रतिरोधक प्रणाली एंटीबॉडी का निर्माण करती है, जिससे थायराइड ग्रंथि प्रभावित होती है उसे थायराइडिटिस के नाम से पहचान मिली है । गॉइटर भोजन में आयोडीन की कमी होने पर होता है, जिससे गले में सूजन और गांठ जैसी नजर आती है। इसका शिकार ज्यादातर महिलाएं होती हैं। इसलिए, महिलाओं में थायराइड रोग के लक्षण अधिक दिखाई देते हैं। थायराइड नोड्यूल इसमें थायराइड ग्रंथि के एक हिस्से में सूजन आ जाती है। यह सूजन कठोर या फिर किसी तरल पदार्थ से भरी हुई हो सकती है। थायराइड कैंसर जब थॉयराइड ग्रंथि में मौजूद टिशू में कैंसर के सेल बनने लगते हैं।
थायराइड के लक्षण
थायराइड के लक्षण का पता लगाना थोड़ा बहुत मुश्किल माना जाता है क्योंकि इसके कुछ न कुछ लक्षण हर व्यक्ति में पाए जाते हैं जैसे कि कब्ज होना, थका सा रहना, तनाव, त्वचा का रूखापन रहना, वजन का बढ़ना, पसीना कम बहना, ह्रदय गति का कम होना,उच्च रक्तचाप,जोड़ों में सूजन या दर्द,पतले और रूखे-बेजान बाल, याददाश्त कमजोर होना,मासिक धर्म का असामान्य होना,प्रजनन क्षमता में असंतुलन,मांसपेशियों में दर्द,चेहरे पर सूजन इतियादी यह लक्षण अमूमन व्यक्तियों में आसानी से मिल जाता है जिसके कारण भिन्न भिन्न हो सकते हैं। परन्तु यदि आपको ऐसे लक्षण से सामना होता है तो यह आभास मत लगाएं की आप थायराइड से पीड़ित है बल्कि तुरन्त एक अच्छे डॉक्टर की सलाह लें।
थायराइड का इलाज
थायराइड का इलाज के लिए हर व्यक्ति को सबसे पहले एक अच्छे डॉक्टर की सलाह आवश्यक लेनी चाहिए और उनके द्वारा बताए गए दवाई का सेवन समय पर करें वह आपको जल्द से जल्द ठीक करने में सहायता करेगा। साथ ही आप अपने घर में एक चूर्ण भी शुरू कर सकते हैं।
चूर्ण बनाने की विधि :
मेथी, अजवाइन, दालचीनी बराबर मात्रा में लें। इन्हें धूप में सुखाकर बारीक़ पीसकर पाउडर बना लें। ये पाउडर सुबह एवं शाम को खाना खाने के बाद गर्म पानी के साथ लें। इसे ठण्डे पानी के साथ न लें। चाहे गर्मी का ही मौसम हो। हलके गुनगुने पानी के साथ ले लें।