वक्रतुंड महाकाय कोटिसूर्यसमप्रभ । निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्वकार्येषु सर्वदा ॥
अर्थात इसमें भक्त कहता है हे गणेश! आपका एक दांत टूटा हुआ है, तथा आप की काया विशाल है और आपकी आभा करोड़ सूर्यों के समान है। मेरे कार्यों में आने वाली बाधाओं को सर्वदा दूर करें।
हिन्दू शास्त्रों के अनुसार Ganesh Ji का नाम हर कार्य की शुरुआत पूर्व लेंगे तो आपके कोई भी कार्य में विघ्न नहीं आएगी तभी श्रीगणेश को विघ्नहर्ता भी कहा गया है। Shri Ganesh भगवान शिव एवं माँ पार्वती के पुत्र हैं। हाथी जैसे मुख होने के कारण इन्हें गजानन भी कहा जाता है। Ganesh Ji का वाहन मूषक हैं। ज्योतिष में इनको केतु का देवता माना जाता है और जो भी संसार के साधन हैं, उनके स्वामी श्री गणेशजी हैं।
श्री सूक्त, श्री सूक्तम,श्री सूक्त का पाठ
मां लक्ष्मी अपने भक्तों की धन से जुड़ी हर तरह की समस्याएं दूर करती हैं। इतना ही नहीं, देवी साधकों को यश और कीर्ति भी देती हैं।
Ganesh Ji की एकदन्त बनने की कथा
आपने देखा होगा भगवान Shri Ganesh की मूर्ति में एकदन्त आधा टुटा हुआ है। यह दांत कैसे टुटा , इसके पीछे पुराणों में अलग अलग कथाये बताई गयी है। कही लिखा हुआ है विष्णु के अवतार चिरंजीवी भगवान परशुराम जी ने इसे तोडा है। तो कही महाभारत काव्य को लिखने के लिए। कही यह भी लिखा है की कार्तिकेय ने खेल खेल में गणेश जी का दन्त तोड़ दिया था।
Ganesh Ji के 12 नाम
Ganesh Ji कई नाम से जाने जाते हैं, इनके भक्त भी इन्हें प्रेम से भिन्न भिन्न नाम देते हैं परन्तु सब नामों में इनके प्रमुख 12 नाम है। यह 12 नाम कुछ इस प्रकार है :- सुमुख, एकदंत, कपिल, गजकर्णक, लंबोदर, विकट, विघ्न-नाश,विनायक, धूम्रकेतु, गणाध्यक्ष, भालचंद्र, गजानन।
बुधवार है Ganesh Ji को प्रिय
हिन्दू मान्यता अनुसार साप्ताहिक के सात दिन भिन्न भिन्न देवी देवंताओ के नाम से जाने जाते हैं, जौसे सोमवार को शिव जी तो मंगलवार को हनुमान जी ठीक उसी तरह बुधवार को श्रीगणेश जी। बुधवार यह वार गणेश जी को अत्यधिक प्रिय है। कहा जाता है कि बुधवार को जो श्रद्धा पूर्वक गणेश जी को ध्यान करता है कि उसकी हर मनोकामना पूर्ण होती है।
बुधवार को करें Ganesh Pooja
बुधवार के खास दिवस घर के मुख्य दरवाजे पर Ganesh Ji की प्रतिमा लगाएं, दरवाजे पर बनी प्रतिमा आपके घर पर सुख समृद्धि का ध्यान रखेगा। दूर्वा गणेश जी को अतिप्रिय है, इसलिए गणेश जी को खुश करने का सबसे सस्ता और आसान उपाय है दूर्वा से गणेश जी की पूजा-अर्चना करना। मोदक गणेश जी का प्रिय मीठा आहार है, Ganesh Ji को प्रसाद में मोदक चढ़ाएं तो वह जल्द प्रसन्न होकर भक्तों की मनोकामना पूर्ण करते हैं। हर बुधवार के दिन गणेश जी की उपासना से व्यक्ति का सुख-सौभाग्य बढता है और सभी तरह की रुकावटें दूर होती है। पंचामृत में एक अमृत घी होता है। घी को स्वास्थ्यवर्धक और पौष्टिक माना गया है, विघ्नहर्ता को घी बहुत ही पसंद है, मान्यता है की Ganesh Pooja घी से की जाए तो बुद्धि प्रखर और तेज होती है, इसलिए भी यह उपाय बहुत ही कारगर होता है। बुधवार के दिन घर में सफ़ेद रंग के गणपति की स्थापना करने से समस्त प्रकार की नकारात्मक शक्ति का नाश होता है। घी और गुड का गणेश जी को भोग लगाने से तथा उसी घी और गुड को गाय को खिलाने से आर्थिक स्थिति तंदुरुस्त होती है, धन से सम्बंधित समस्या दूर हो जाती है। बुधवार के दिन गणेश के ॐ गं गणपतये नमः मन्त्र का जाप करने से भगवान का आशीर्वाद बना रहता है।
अतः बुधवार के दिन सुबह स्नान कर गणेशजी के मंदिर जाकर उन्हें दूर्वा की 11 या 21 गांठ अर्पित करें। ऐसा करने से आपको जल्द ही शुभ फल मिलेंगे। दूर्वा गणेशजी को अति प्रिय है क्योंकि दूर्वा में अमृत मौजूद होता है। गणपति अथर्वशीर्ष में कहा गया है कि जो भक्त गणेश पूजा दुर्वांकुर से करता है, वह कुबेर के समान हो जाता है। कुबेर के समान होने का मतलब है उसके पास धन-धान्य की कमी नहीं रहती है।