आज का पंचांग (Aaj Ka Panchang) एक कैलेंडर (calendar) है जो एक दिन में शुभ मुहूर्त के बारे में जाना जाता है। यह एक हिंदू कैलेंडर भारतीय हैं जो किसी भी नए उद्यम को शुरू करने के लिए अच्छा समय जानने के लिए आज का पंचांग (Aaj Ka Panchang) को पढ़ते हैं। किसी भी नए काम को शुरू करने से पहले अनुकूल नक्षत्र और ग्रह संरेखण के अनुसार सही समय के लिए जांच करना बहुत महत्वपूर्ण है। यहां हमने आपको एक विशेष दिन के लिए परिभाषित कुछ विशेष मुहूर्त दिए हैं जो आपको एक विशेष समय खोजने में मदद करेंगे।
हिंदू कैलेंडर में ज्योतिष पर आधारित अंग्रेजी कैलेंडर की तरह 12 महीने होते हैं। इसमें एक माह में 30 तिथियाँ होती हैं, जिनमें दो पक्ष होते हैं, शुक्ल पक्ष और कृष्ण पक्ष। इसे एक वार्षिक कैलेंडर ‘पंचांग’ के रूप में भी जाना जाता है।आज का पंचांग (Aaj Ka Panchang) या डेली पंचांग (Daily Panchang) की जाँच कैसे करें, इससे पहले आइए आज का पंचांग (aaj ka panchang) के बारे में समझते हैं|
अक्षय तृतीया व्रत व पूजा विधि
अक्षय तृतीया या आखा तीज वैशाख मास में शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को कहते हैं। इस दिन भगवान नर-नारायण सहित परशुराम और हय ग्रीव का अवतार हुआ था।
आज का पंचांग (Aaj Ka Panchang)
आज का पंचांग (Aaj Ka Panchang) आपको आपके स्थान के आधार पर हर एक मुहूर्त, सूर्योदय और सूर्यास्त के समय, चंद्रोदय और चंद्रमा के समय की जानकारी प्रदान करता है। यदि आप किसी विशेष दिन शुभ कार्य करना चाहते हैं, तो आप दैनिक मुहूर्त की सहायता से शुभ मुहूर्त की जांच कर सकते हैं।
सूर्योदय | 5:39 AM | शक संवत | 1941 विकारी |
सूर्यास्त | 6:57 PM | गुजराती संवत | 2075 साधारण |
चंद्रोदय | 4:32 PM | विक्रम संवत | 2076 परीधावी |
चंद्रास्त | 05:19 (19-अप्रैल) | वार | शनिवार |
गुलिकाकाल | 09:20 AM से 10:54 AM | तिथि | अष्टमी |
राहुकाल | 06:12 AM से 07:46 AM | नक्षत्र | हस्त 9:26 PM |
यमगंड | 02:02 PM से 03:35 PM | योग | व्याघात 2:58PM |
अभिजीत मुहूर्त | 12:03 AM से 12:53 PM | प्रथम करण | गर 8:54 AM तक |
दुर्मुहूर्त | 06:12 AM से 07:02 AM | द्वतीय करण | वणिज 7:26 PM तक |
दुर्मुहूर्त | 07:02 AM से 07:52 AM | पक्ष | शुक्लपक्ष |
अमृत काल | 06:41 AM से 08:13 AM | अमांत महीना | चैत्र |
अमृत काल | 01:38 AM अप्रैल 14 से 03:08 AM अप्रैल 14 | पूर्णिमान्त हीना | चैत्र |
वर्ज्य | 04:33 PM से 06:04 PM | सूर्यराशि | मीन |
क्षय करणविष्टि | 06:02 AM अप्रैल 19 तक | 🌙 चंद्रराशी | कर्क |
पंचांग (Panchang) मुख्य रूप से हिन्दू कैलेंडर होता है जिसमे सभी शुभ-अशुभ समय और तिथियों और महीनों का वर्णन होता है| पंचांग में मुख्य रूप से पांच भाग होते है तिथि, नक्षत्र, वार, योग और करण होते है| पंचांग (Panchang) में सभी हिन्दू त्योहारों पर पूजन की विधि और सही मुहूर्त का समय का व्याख्यान होता है तथा इस बात का भी विवरण होता है कि किस व्रत और त्यौहार पर कौन से देवता की पूजा करनी चाहिए? हिन्दू धर्म में सभी शुभ कार्यों जैसे- शादी समारोह, यज्ञोपवीत, मुंडन, नया मकान निर्माण, नए व्यवसाय की शुरुवात इत्यादि कार्यों के लिए सही मुहूर्त के व्याख्या होती है|
अतः हिन्दू पंचांग (Hindu Panchang) में महूर्त सभी शहरों के लिए अलग-अलग होता है क्यूंकि हिन्दू पंचांग के अनुसार दिन की शुरुवात सूर्योदय से व अंत सूर्यास्त पर होता है| जैसा कि सभी शहरों में सूर्योदय और सूर्यास्त का समय अलग-अलग होता है| इस प्रकार से महूर्त का समय भी सभी शहरों के अनुसार अलग-अलग होता है| चूँकि हमारा कैलेंडर (Calendar) पांच चीजों को दर्शाता है इसलिए इसे पंचांग (panchang) कहा जाता है|
दक्षिण भारत में पंचांग (Panchang) को पंचांगम (panchaangam) कहा जाता है|जब
कैलेंडर (Calendar) में सभी धर्मो कि छुट्टियों और त्योहारों का वर्णन होता है तो इस प्रकार को भारतीय पंचांग (panchang) कहते है|
हिन्दू पंचांग (Panchang) के अनुसार हिंदी महीनों के नाम (Hindi Mahino ke naam)
हिन्दू पंचाग्न (Panchang) के अनुसार एक वर्ष में 12 महीने होते है जिनके नाम इस प्रकार है|प्रत्येक माह हमेशा 30 दिन के बाद बदलता है|
- चैत्र (Chaitra)
- वैशाख (Vaisakh)
- ज्येष्ठ (Jyesth)
- अषाढ़ (Ashadh)
- सावन (Savan)
- भाद्रपद (Bhadrapad)
- अश्वनी (Ashwani)
- कार्तिक (Kartik)
- मार्गशीर्ष (Margshirsh)
- पौष (Paush)
- माघ (Magh)
- फाल्गुन (Phalgun)
तिथि (Tithi)
हिन्दू कैंलेडर ( Hindu Calendar) के अनुसार कुल 15 तिथियाँ होती है| यह प्रति दिन बदलती रहती है| इनके नाम कुछ इस प्रकार है|
- प्रतिपदा (Pratipada)
- द्वितीया (Dwitiya)
- तृतीया (Trateeya)
- चतुर्थी (Chaturthi)
- पञ्चमी (Panchami)
- षष्ठी (Shashthi)
- सप्तमी (Saptami)
- अष्टमी (Ashtami)
- नवमी (Navami)
- दशमी (Dashmi)
- एकादशी (Ekadashi)
- द्वादशी (Dwadashi)
- त्रयोदशी (Trayodashi)
- चतुर्दशी (Chaturdashi)
- पूर्णिमा (Purnima)
- अमावस्या (Amavasya)
नक्षत्र (Nakshatra)
हिन्दू पंचांग के अनुसार कुल 27 नक्षत्र (Nakshatra) होते है जो कि इस प्रकार है|
- अश्विनी (Ashwani)
- भरणी (Bharani)
- कृत्तिका (Krattika)
- रोहिणी (Rohini)
- मॄगशिरा (Mragshira)
- आर्द्रा (Aadra)
- पुनर्वसु (Punarvasu)
- पुष्य (Pushya)
- अश्लेशा (Ashlesha)
- मघा (Magha)
- पूर्वाफाल्गुनी (Purvaphalguni)
- उत्तराफाल्गुनी (Uttaraphalguni)
- हस्त (Hast)
- चित्रा (Chitra)
- स्वाती (Swati)
- विशाखा (Vishakha)
- अनुराधा (Anuradha)
- ज्येष्ठा (Jyestha)
- मूल (Mool)
- पूर्वाषाढा (Purvashadha)
- उत्तराषाढा (Uttarashadha)
- श्रवण (Shravan)
- धनिष्ठा (Dhanistha)
- शतभिषा (Shatbhisha)
- पूर्व भाद्रपद (Purva Bhadrapad)
- उत्तर भाद्रपद (Uttar Bhadrapad)
- रेवती (Revatee)
वार (War)
- रविवार (Sunday)
- सोमवार (Monday)
- मंगलवार (Tuesday)
- बुधवार (Wednesday)
- वृहस्पतिवार (Thursday)
- शुक्रवार (Friday)
- शनिवार (Saturday)
योग (Yog)
- विष्कम्भ (Vishkambh)
- प्रीति (Preeti)
- आयुष्मान् (Ayushman)
- सौभाग्य (Shaubhagya)
- शोभन (Shobhan)
- अतिगण्ड (Atigand)
- सुकर्मा (Shukarma)
- धृति (Dhrati)
- शूल (Shool)
- गण्ड (Gand)
- वृद्धि (Vradhi)
- ध्रुव (Dhruva)
- व्याघात (Vyaghat)
- हर्षण (Harshan)
- वज्र (Vajra)
- सिद्धि (Sidhi)
- व्यतीपात (Vyateepat)
- वरीयान् (Vareeyan)
- परिघ (Parigh)
- शिव (Shiv)
- सिद्ध (Sidh)
- साध्य (Sadhy)
- शुभ (Shubh)
- शुक्ल (Shukla)
- ब्रह्म (Brahma)
- इन्द्र (Indra)
- वैधृति (Vaidhrati)
करण (karan)
- किंस्तुघ्न (Kistughna)
- बव (Bav)
- बालव (Balav)
- कौलव (Kaulav)
- तैतिल (Taitil)
- गर (Gar)
- वणिज (Vanij)
- विष्टि (Vishti)
- शकुनि (Shakuni)
- चतुष्पाद (Chatushpad)
- नाग (Naag)
जैसा कि हम भारतीय ज्योतिष में पंचांग और उसके महत्व के बारे में पहले ही बता चुके हैं। अब आइए दिन प्रतिदिन के कार्यों के लिए हमारे दैनिक जीवन में पंचांग के महत्व के बारे में समझते हैं:
पंचांग (Panchang) का उपयोग
● इसका उपयोग दिन-प्रतिदिन वित्त संबंधी प्रमुख लेनदेन या महत्वपूर्ण वित्तीय सौदों के लिए किया जा सकता है।
● किसी भी अच्छे कार्य को करने के लिए एक शुभ समय खोजने के लिए इसका उपयोग किया जाता है।
● अपनी संपत्ति खरीदते या बेचते समय पहले पंचांग की जांच करना उचित है।
● पहली बार नया रत्न या परिधान पहनने के लिए एक अच्छा समय खोजने के लिए इसका इस्तेमाल किया जा सकता है।
● इसका प्रयोग यज्ञोपवीत या उपनयन संस्कार के लिए मुहूर्त पाते समय किया जाता है।
● शादी करने के लिए एक शुभ मुहूर्त खोजने के लिए इसका उपयोग किया जाता है।
● इसका उपयोग घर बनाने या नए घर में प्रवेश करने के लिए अच्छा समय खोजने के लिए किया जा सकता है।
● यह पेशे से संबंधित उच्च अध्ययन या लंबी यात्रा के लिए मुहूर्त खोजने के लिए उपयोग किया जाता है।
इसलिए, शुभ मुहूर्त की जांच के लिए दैनिक पंचांग (Dainik Panchang) बहुत महत्वपूर्ण है। यह अच्छा है यदि आप अपने जन्म नक्षत्र में कोई नया उद्यम शुरू करते हैं जो आपको भविष्य में बेहतर परिणाम दे सकता है।