मोर जिसे भारत मे पक्षियों के राजा का दर्जा प्राप्त है। इसे भारत मे राष्ट्रीय पक्षी की उपाधि भी दी गई है। घने मेघ जब बरसते हैं तो उसी बीच मदमस्त होकर मोर अपने पंख फैलाकर यूँ नाचता है मानो यह किसी प्रख्यात से नृत्य की कला सीख के आया हो। यह पक्षी गणेश जी के भाई कार्तिकेय जी के वाहन भी हैं। मोर के पंख कई देवताओं को खूब रास आता है यह उनका प्रिय आभूषण में से है। जिनमे प्रमुख श्रीकृष्ण जी हैं जिनकी छवि में भी मोर पंख उनके माथे के ऊपर सजी नजर आती है।
मोर पंख रखने के अहम फायदे
मोर पंख को घर में रखना शुभ संकेत माना गया है , इसकी महत्वपूर्ण की भूमिका का वर्णन समस्त शास्त्र और ग्रंथो में भी उपलब्ध है। घर पर रखे तो इसे ऐसी स्थान पर रखे जहाँ से यह सभी नजरो में दस्तक देता रहे। ऐसा माना गया है मोर पंख धन को आकर्षित करता है जिस तरह नाचता मोर इंसान को। आप मोर पंख को अपने धन की तिजोरी में रखें या आप अपने व्यापार वाली जगह पर मोर के तस्वीर या या उसकी मूर्त भी रख सकते हैं।
मोर पंख में मन गया है इसके पंख जिद्दी बच्चों को ठीक करने में काफी लाभकारी है तो अगर आपका बच्चा जिद्दी हो गया है यो मोर पंख से अभी हवा करे।
मोर पंख में मन गया है इसके पंख जिद्दी बच्चों को ठीक करने में काफी लाभकारी है तो अगर आपका बच्चा जिद्दी हो गया है यो मोर पंख से अभी हवा करे।
यूं तो कहने को मोर सबको प्रिय है , यह सुंदरता का प्रतीक है हालांकि इसकी मात्रा काफी कम हो गई है या यूं कहें विलुप्त होने के कगार पर है , पर फिर भी एक सांप ऐसा है वह मोर और मोर पंख से भय खाता है। मोर पंख जहाँ दिख जाए वहां सांप आने से घबराते हैं क्योंकि सांप , मोर का सबसे पसंदीदा आहार है।