भगवान शिव का जितना ही गुस्सा होना जाना जाता उससे अधिक उनका प्रेम अपने भक्तों के प्रति जग जाहिर है। तभी शिव जी को कई नामों से नवाजा गया है जिसमे भोलेनाथ प्रमुख हैं। इन्हें भोलेनाथ इसीलिए कहा गया है क्योंकि इन्हें प्रसन्न करना काफी आसान है। कई लोगों ने इन्हें सृष्टि का विनाशक भी बताया है। भगवान शिव अपने भक्तों की पुकार को कभी अनसुना नहीं करते, सावन के शिवरात्रि में भक्तों की पुकार शिव जल्दी पूर्ण करते हैं। हिन्दू मान्यता अनुसार सोमवार का दिन शिव जी का होता होता है और शिव जी को रिझाने का श्रेष्ठ माह सावन। सावन शिवरात्रि और महाशिवरात्रि में सिर्फ तारीख का बदलाव हो जाता है , नहीं तो दोनों दिवस एक जैसे फलदायक हैं।
क्यों कहा जाता है भगवान शिव को भोलेबाबा?
भगवान शिव हमेशा से ही सबकी मनोकामना पूर्ण करते हैं , वह व्यक्ति जो दिल से शिव जी का नाम लेता है उसकी हर मनोकामना पूर्ण होती है। उनकी भगवान शिव से सबके भोलेनाथ बनने के पीछे एक गाथा है। एक दैत्य जो हजारों वर्षों से भगवान शिव की घोर तप कर रहा था ताकि वह उनसे वरदान ले सके। भगवान शिव इस बात से पूर्ण अवगत थे कि वह शख्स एक दैत्य है , किसी दैत्य को उसका मनचाहा वरदान देना सृष्टि के लिए खतरनाक हो सकता है। भगवान शिव उस दैत्य का परिश्रम देख प्रसन्न हुए और उससे वरदान मांगने को कहा। भस्मासुर ने शिव जी से यह इच्छा प्रकट की “मैं जो कुछ भी छू वह तुरंत भस्म हो जाए। शिव जी ने उसका यह वरदान मान लिया। भस्मासुर अपनी यह ताकत अब आजमाना चाहता था तो उसने सोचा क्यों न भगवान शिव पर ही आजमाया जाए अगर वह भस्म हो जाए तो मेरे से बड़ा श्रेष्ठ कोई नही होगा”। भगवान शिव उसकी यह सोच भांप गए इसीलिए वह वहाँ से भाग गए, भगवान विष्णु ने शिव जी की यह दशा देख एक चाल चली और एक सुंदर स्त्री का रूप धारण कर लिया और उस राक्षस को नृत्य कर मोहित करने लगे जिससे भस्मासुर ने स्वंय के सर के ऊपर ही हाथ रख दिया और वह भस्म हो गया। भगवान शिव के इतने जल्दी मानने के कारण ही उन्हें भोलेनाथ कहा गया है।
महत्व सावन शिवरात्रि का
जैसे ही फाल्गुन मास में महाशिवरात्रि का पर्व बनाने के बाद शिवभक्तों की आँखों मे सावन शिवरात्रि का इंतजार आने लगता है। अगर आप इस सावन शिवरात्रि में शिव जी का जलाभिषेक करते हैं तो आप पुण्य के हकदार होंगे। इस पूरे महीने श्रद्धालु एकसाथ होकर बम बम भोले का नारा लगा कर शिव जी से मिलने जाते हैं। जिन्हें हम कांवड़ यात्री भी कहते हैं । कोई भी प्राथना भगवान शिव से सच्चे मन से की जाए वह अवश्य पूरी होती है।
शिव करेंगे कष्टों का निवारण
वैसे तो भगवान शिव अपने भक्तों की हर मांग पूरी करते हैं तभी तो उन्हें सब भोलेनाथ कहते हैं। परंतु सावन शिवरात्रि में भोला विशेष कृपा बरसाते हैं। रुद्राभिषेक करने से सावन शिवरात्रि में भोलेबाबा सब कष्टों का निवारण करते हैं। अगर भक्त 108 बार शिवमंत्र का जाप करें और शिव की पूजा समेत उन्हें धतूरा चढ़ाएं तो आपके ऊपर से कालसर्प दोष हट सकता है।
त्यौहार के नाम | दिन | त्यौहार के तारीख |
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सावन शिवरात्रि | रविवार | 19 जुलाई 2020 |
सावन शिवरात्रि पूजा समय :
चतुर्दशी तिथि शुरू : 00:45 – 19 जुलाई 2020
चतुर्दशी तिथि ख़त्म : 00:10 – 20 जुलाई 2020