व्यक्ति अपने जन्म के वक्त चिंता मुक्त होता है परन्तु यह चिंता ही है जो व्यक्ति के उम्र के साथ बढ़ता रहता है। चिंता कभी तो इतनी बढ़ सकती है कि व्यक्ति हताश होकर यह सोचने लगता है कि उसकी जिदंगी में अब शांति नहीं रही सब बिखर गया है। तो इस वक्त व्यक्ति को […]