Rang Panchami भी होली का एक भिन्न रूप हैं। मानो एक ही माँ के दो जुड़वा पुत्र। इसे चैत्र मास की कृष्ण पंचमी को मनाया जाता है। दरअसल Holi का जश्न कई दिनों तक चलता है और इसकी तैयारियां होली के दिन यानि फाल्गुन पूर्णिमा से लगभग एक महीने पहले शुरू हो जाती है। फाल्गुन पूर्णिमा को होलिका दहन के पश्चात अगले दिन सभी लोग उत्साह में भरकर रंगों से खेलते हैं। रंगों का यह उत्सव चैत्र मास की कृष्ण प्रतिपदा से लेकर पंचमी तक चलता है। इसलिये इसे रंग पंचमी कहा जाता है। रंग पंचमी कोकण क्षेत्र का खास त्यौहार है महाराष्ट्र में तो होली को ही Rang Panchami कहा जाता है।
रंगों का त्यौहार होली उल्लास उमंग से भरपूर एक ऐसा महोत्सव है जिसका सब भारतीय वासी इंतजार करते हैं ताकि सबको अपने प्रेम रंग में रंग सके। यह त्यौहार वसंत ऋतु में मनाया जाने वाला एक महत्वपूर्ण भारतीय और नेपाली लोगों का त्यौहार है। यह पर्व के अनुसार फाल्गुन मास की पूर्णिमा को मनाया जाता है।
रंगों का त्यौहार कहा जाने वाला यह पर्व पारंपरिक रूप से दो दिन मनाया जाता है। यह प्रमुखता से भारत तथा नेपाल में मनाया जाता है। यह त्यौहार कई अन्य देशों जिनमें अल्पसंख्यक हिन्दू लोग रहते हैं वहाँ भी धूम-धाम के साथ मनाया जाता है।
महाराष्ट्र की Rang Panchami
चैत्र मास में कृष्ण पक्ष की पंचमी तिथि को मनाया जाने वाला रंग पंचमी का महाराष्ट्र में खास इंतजार रहता है। पौराणिक मान्यता के अनुसार इस दिन आसमान में रंग उड़ाने से रज और तम के प्रभाव कम होता है। उत्सव का सात्विक स्वरूप निखरता है और देवी-देवता भी प्रसन्न होते हैं। रंग पंचमी इस पर्व का अंतिम दिन होता है। माना जाता है कि यह मछुआरों के लिये भी बहुत खास होता है इस दिन सब नाचने गाने में मस्त होते हैं। रंग पंचमी पर एक विशेष प्रकार का मीठा पकवान भी घरों में बनाया जाता है जिसे पूरनपोली कहा जाता है। जगह-जगह पर दही-हांडी की प्रतियोगिताएं आयोजित की जाती हैं जिसमें महिलाएं मटकी फोड़ने वालों पर रंग फेंकती हैं ताकि वे अपने उद्देश्यों में सफल न हो सकें। जो भी मटकी फोड़ने में कामयाब होता है उसे पुरस्कार से नवाज़ा जाता है और वह होली किंग ऑफ द ईयर कहलाता है।
इंदौर की Rang Panchami
पारम्परिक तौर पर Rang Panchami का त्योहार इंदौर की गलियों से शुरुआत हुई। मध्यप्रदेश का यह शहर में रंग पंचमी के अवसर पर रंगारंग जुलूस निकाले जाते हैं। एक दूसरे पर उमंग से रंग उड़ेले जाते हैं अथवा गाजे बाजे के साथ पूरे शहर निकलते हैं जिसे गेर कहा जाता है। पूरा इंदौर इस दिन विभिन्न रंगों में रंगा नजर आता है और सांस्कृतिक उत्सवों की धूम मची रहती है। इसके अलावा देश के अन्य हिस्सों में भी इस दिन धार्मिक सांस्कृतिक उत्सव आयोजित किये जाते हैं।
2020 में कब मनाया जाएगा Rang Panchami ?
Rang Panchami का यह त्योहार का इंतजार लोग होली के एक महीने पूर्व ही करने लग जाते हैं। इसके पिछे की मान्यता यह है कि इस दिन जो भी रंग इस्तेमाल किये जाते हैं जिन्हें एक दूसरे पर लगाया जाता है हवा में उड़ाया जाता है उससे विभिन्न रंगों की ओर देवता आकर्षित होते हैं। साथ ही मान्यता है कि इससे ब्रह्मांड में सकारात्मक तंरगों का संयोग बनता है व रंग कणों में संबंधित देवताओं के स्पर्श की अनुभूति होती है। इस वर्ष यह त्योहार 13 मार्च को बनाया जाएगा।